नाम: राबिया परवीन
गांव: हीरा बंदरगाह कामरपोल, दक्षिण 24pg माथुर जे एम हाईस्कूल के 12 वीं कक्षा की छात्र थी
2 दिन पहले, स्कूल से गयब हुई स्कूल से कोई जानकारी नहीं मिली, लेकिन सोनारपुर रेलवे स्टेशन पर हार्थिक सारीर मिली पूलिस ने जाँच की कहाना है की रेप कर हत्या किया गया है
" इमरान भाई हम पर कब तक ज़ुल्म होता रहेगा "
( बेहद भावुक और बेबस लहज़े में ) कल प्रतापगढ़ में मरहूम राबिया के घर पर किसी के इस सवाल ने हम सबके रोंगटे खड़े कर दिए थे ।
सैकड़ों लोगों की मौजूदगी के बावजूद एक अजीब सी ख़ामोशी , अजीब सा सन्नाटा , जिस बर्बरता से राबिया की हत्या हुई है उसके चलते एक अजीब सा ख़ौफ़ मुसल्लत था लोगों पर ।
ये ख़ामोशी इंसाफ़ मांगती है !
राबिया के बेटे को लाख रुपये का चेक देते हुए इमरान भाई की नम आंखें और कांपते हांथ और सबके चेहरे पर मायूसी , एक अजीब सा लम्हा था ! मगर हाँ , किसी के ग़म में शरीक होने का एहसास निशब्द होता है !
हज़रत अली ने कहा था " जो क़ौम ज़ुल्म के ख़िलाफ़ जितनी देर से खड़ी होती है , उसे उतनी ही लाशें उठानी पड़ती हैं !
आइये खड़े होइये राबिया के इंसाफ के लिए , वरना आज प्रतापगढ़ की राबिया है तो कल को , आपके शहर की , आपके कस्बे की या हो सकता है आपके घर की किसी बेटी किसी बहन के साथ इस दरिंदगी को दोहराया जा सकता है ।
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