लिंग (Ling kise kahate hain)
लिंग से तात्पर्य भाषा के ऐसे प्रावधानों से है जो वाक्य के कर्ता के स्त्री,पुरुष,निर्जीव होने के अनुसार बदल जाते हैं। विश्व की लगभग एक चौथाई भाषाओं में किसी न किसी प्रकार की लिंग व्यवस्था है।
हिन्दी में दो लिंग होते हैं - पुल्लिंग तथा स्त्रीलिंग, जबकि संस्कृत में तीन लिंग होते हैं- पुल्लिंग, स्त्रीलिंग तथा नपुंसक लिंग। फ़ारसी जैसे भाषाओं में लिंग होता नहीं, और भी अंग्रेज़ी में लिंग सिर्फ़ सर्वनाम में होता है।
उदाहरण
- मोहन पढ़ता है। -पढ़ता का रूप पुल्लिंग है, इसका स्त्रीलिंग रूप 'पढ़ती' है। -
- गीता गाती है। -यहाँ, 'गाती' का रूप स्त्रीलिंग है।
लिंग किसे कहते हैं (Definition of Gender)
लिंग संस्कृत का शब्द होता है जिसका अर्थ होता है निशान। जिस संज्ञा शब्द से व्यक्ति की जाति का पता चलता है उसे लिंग कहते हैं। इससे यह पता चलता है की वह पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का है।
- पुरुष जाति में = बैल , बकरा , मोर , मोहन , लड़का , हाथी , शेर , घोडा , दरवाजा , पंखा , कुत्ता , भवन , पिता , भाई आदि।
- स्त्री जाति में = गाय , बकरी , मोरनी , मोहिनी , लडकी , हथनी , शेरनी , घोड़ी , खिड़की , कुतिया , माता , बहन आदि।

लिंग के निर्माण में आई कठिनाई और उसका हल
- हिंदी में लिंग के निर्णय का आधार संस्कृत के नियम ही हैं। संस्कृत में हिंदी से अलग एक तीसरा लिंग भी है जिसे नपुंसकलिंग कहते हैं। नपुंसकलिंग में अप्राणीवाचक संज्ञाओं को रखा जाता है। हिंदी में अप्राणीवाचक संज्ञाओं के लिंग निर्णय में सबसे अधिक कठिनाई हिंदी न जानने वालों को होती है।
- जिनकी मातृभाषा हिंदी होती है उन्हें सहज व्यवहार के कारण लिंग निर्णय में परेशानी नहीं होती। लेकिन इनमें भी एक समस्या है की कुछ पुल्लिंग शब्दों के पर्यायवाची स्त्रीलिंग हैं और कुछ स्त्रीलिंग के पुल्लिंग। जैसे :- पुस्तक को स्त्रीलिंग कहते हैं और ग्रन्थ को पुल्लिंग।
हिंदी में लिंग
लिंग के भेद
1. पुल्लिंग क्या होता है
पुल्लिंग अपवाद
पुल्लिंग की पहचान
पुल्लिंग के शब्द
पुल्लिंग शब्द और उनके प्रयोग इस प्रकार हैं
2. स्त्रीलिंग क्या होता है
स्त्रीलिंग के अपवाद
स्त्रीलिंग प्रत्यय
स्त्रीलिंग की पहचान
जैसे :- रोटी , टोपी , नदी , चिट्ठी , उदासी , रात , बात , छत , भीत , लू , बालू , दारू , सरसों , खड़ाऊं , प्यास , वास , साँस , नानी , बेटी , मामी , भाभी आदि ।
स्त्रीलिंग के शब्द
स्त्रीलिंग के शब्द और प्रयोग इस प्रकार हैं
49. मूंछ – उनकी मूंछें नुकीली नहीं है ।
56. सजा – उसे दो साल की सजा हुई है ।
शब्दों का लिंग परिवर्तन इस प्रकार है
पुल्लिंग और स्त्रीलिंग दोनों में प्रयुक्त होने वाले शब्द इस प्रकार हैं
पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम इस प्रकार हैं
- गूँगा = गूँगी
- गधा = गधी
- देव = देवी
- नर = नारी
- नाला = नाली
- लोटा = लुटिया
- बन्दर = बंदरिया
- बुढा = बुढिया
- बेटा = बिटिया
- चिड़ा = चिड़िया
- पत्र + इका = पत्रिका
- चालक + इका = चालिका
- सेवक + इका = सेविका
- लेखक + इका = लेखिका
- गायक + इका = गायिका
- पाठक + इका = पाठिका
- संपादक + इका = संपादिका
- तोता = मादा तोता
- खरगोश = मादा खरगोश
- मच्छर = मादा मच्छर
- जिराफ = मादा जिराफ
- खटमल = मादा खटमल
- मगरमच्छ = मादा मगरमच्छ
- उल्लू = मादा उल्लू
- कोयल = नर कोयल
- चील = नर चील
- मकड़ी = नर मकड़ी
- भेड़ = नर भेड़
- मक्खी = नर मक्खी
- गिलहरी = नर गिलहरी
- मैना = नर मैना
- कछुआ = नर कछुआ
- भालू = मादा भालू
- भेडिया = मादा भेडिया
- राजा = रानी
- सम्राट = सम्राज्ञी
- पिता = माता
- भाई = बहन
- वर = वधू
- पति = पत्नी
- मर्द = औरत
- पुरुष = स्त्री
- बैल = गाय
- पुत्र = कन्या
- फूफा = बुआ
- ठाकुर + आनी = ठकुरानी
- सेठ + आनी = सेठानी
- चौधरी + आनी = चौधरानी
- देवर +आनी = देवरानी
- नौकर + आनी = नौकरानी
- इंद्र + आनी = इन्द्राणी
- जेठ + आनी = जेठानी
- मेहतर + आनी = मेहतरानी
- पण्डित +आनी = पंडितानी
- साँप + इन = सांपिन
- सुनार + इन = सुनारिन
- नाती + इन = नातिन
- दर्जी + इन = दर्जिन
- कुम्हार + इन = कुम्हारिन
- लुहार + इन = लुहारिन
- माली + इन = मालिन
- धोबी + इन = धोबिन
- बाघ + इन = बाघिन
- चौधरी + आइन = चौधराइन
- हलवाई + आइन = हलवाइन
- गुरु + आइन = गुरुआइन
- पंडित + आइन = पण्डिताइन
- ठाकुर + आइन = ठकुराइन
- बाबू +आइन = बबुआइन
- नेता = नेत्री
- दाता = दात्री
- अभिनेता = अभनेत्री
- रचयिता = रचयित्री
- विधाता = विधात्री
- वक्ता = वक्त्री
- धाता = धात्री
- सियार + नी = सियारनी
- हिन्दू + नी = हिन्दुनी
- ऊँट + नी = ऊंटनी
- शेर + नी = शेरनी
- भील + नी = भीलनी
- हंस + नी = हंसनी
- मोर + नी = मोरनी
- चोर + नी = चोरनी
- हाथी + नी = हथिनी
- सिंह + नी = सिंहनी
- तपस्वी + इनी = तपस्विनी
- स्वामी + इनी = स्वामिनी
- मनस्वी + इनी = मनस्विनी
- अभिमान + इनी = अभिमानिनी
- दंडी + इनी = दंडिनी
- संन्यासी + इनी = संन्यासिनी
- सुहास + इनी = सुहासिनी
- बुद्धिमान = बुद्धिमती
- पुत्रवान = पुत्रवती
- श्रीमान = श्रीमती
- भाग्यवान = भाग्यवती
- आयुष्मान = आयुष्मती
- भगवान = भगवती
- धनवान = धनवती
- तनुज + आ = तनुजा
- चंचल + आ = चंचला
- आत्मज + आ = आत्मजा
- सुत +आ = सुता
- प्रिय + आ = प्रिया
- पूज्य +आ = पूज्या
- श्याम + आ = श्यामा
- भैस + आ = भैंसा
- भेड़ + आ = भेडा
- मौसी +आ = मौसा
- जीजी + आ = जीजा
लिंग निर्णय करने के प्रकार
- तत्सम शब्दों का लिंग निर्णय
- संस्कृत शब्दों का लिंग निर्णय
- तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय
- अर्थ के अनुसार लिंग निर्णय
- प्रत्ययों के आधार पर तद्भव हिंदी शब्दों का लिंग निर्णय
- उर्दू शब्दों का लिंग निर्णय
1. तत्सम शब्दों का लिंग निर्णय :-
(क) तत्सम पुलिंग शब्द :-
(ख) तत्सम स्त्रीलिंग शब्द
2. संस्कृत शब्दों का लिंग निर्णय
(क) संस्कृत पुल्लिंग शब्द व नियम इस प्रकार हैं :-
(ख) संस्कृत स्त्रीलिंग शब्द व् उनके नियम इस प्रकार हैं :-
3. तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय :-
(क) तद्भव पुल्लिंग शब्द व् उनके नियम इस प्रकार हैं :-
(ख) तद्भव स्त्रीलिंग शब्द व् उनके नियम इस प्रकार हैं :-
4. अर्थ के अनुसार लिंग निर्णय :-
(क) अप्राणीवाचक पुल्लिंग हिंदी शब्द और नियम इस प्रकार हैं :-
(ख) अप्राणीवाचक स्त्रीलिंग हिंदी शब्द और नियम इस प्रकार हैं :-
प्रत्ययों के आधार पर तद्भव हिंदी शब्दों का लिंग निर्णय :-
(क) स्त्रीलिंग कृदंत प्रत्यय :-
(ख) पुल्लिंग कृदंत प्रत्यय :-
(ग) स्त्रीलिंग तद्धित प्रत्यय :-
(घ) पुल्लिंग तद्धित प्रत्यय :-
6. उर्दू शब्दों का लिंग निर्णय :-
(क) पुल्लिंग उर्दू शब्द व् उनके नियम इस प्रकार हैं :-
(ख) स्त्रीलिंग उर्दू शब्द व् उनके नियम इस प्रकार हैं :-
7. अंग्रेजी शब्दों का लिंग निर्णय :-
(क) अंगेजी के पुल्लिंग शब्द इस प्रकार हैं :-
(ख) अंग्रेजी के स्त्रीलिंग शब्द इस प्रकार हैं
यहाँ पर ईकारांत संज्ञा स्त्रीलिंग होती है ।
जैसे :-
- एसेम्बली, कम्पनी, केतली, कॉपी, गैलरी, डायरी, डिग्री
- टाई, ट्रेजेडी, ट्रेजरी, म्युनिसिपैलिटी, युनिवर्सिटी आदि ।
https://helplessminority.com/belan-ka-ayatan-kya-hota-hai-definition-formula/
No comments:
Post a Comment